नैशनल अवॉर्ड विवाद अभिनेता और केरल राज्य फिल्म पुरस्कार अध्यक्ष प्रकाश राज ने नेशनल अवॉर्ड्स पर कटाक्ष किया, इसे ‘पाइल्स-फाइल्स’ बताया और कहा कि अब ये अवॉर्ड्स किसी को भी मिल जाते हैं।
नैशनल अवॉर्ड विवाद : प्रकाश राज ने नैशनल अवॉर्ड्स पर जड़ा तंज, कहा- ‘पाइल्स-फाइल्स’ बन गए हैं

साउथ इंडियन सिनेमा के जाने-माने अभिनेता प्रकाश राज ने हाल ही में नैशनल फिल्म अवॉर्ड्स पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि आजकल नैशनल अवॉर्ड्स को लोग ‘पाइल्स-फाइल्स’ कहने लगे हैं, क्योंकि अब इन पुरस्कारों का चुनाव इतना आसान हो गया है कि लगता है किसी को भी मिल सकते हैं। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है और बॉलीवुड-साउथ इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन गई है।
प्रकाश राज का बयान
प्रकाश राज ने कहा कि जब वे नैशनल अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुए थे, तो उन्हें लगा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। लेकिन आज उन्हें लगता है कि इन पुरस्कारों का महत्व कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा, “अब नैशनल अवॉर्ड्स को लोग ‘पाइल्स-फाइल्स’ कहते हैं, क्योंकि इन्हें लेना इतना आसान हो गया है कि लगता है किसी को भी मिल सकते हैं।” उनका यह बयान उन लोगों के लिए भी एक तीखी टिप्पणी है जो इन पुरस्कारों को अपने करियर का बड़ा मोड़ मानते हैं।
नैशनल अवॉर्ड्स का इतिहास
नैशनल फिल्म अवॉर्ड्स भारत के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म पुरस्कारों में से एक हैं। इन्हें 1954 में शुरू किया गया था और तब से यह भारतीय सिनेमा की गुणवत्ता और नवाचार को सम्मानित करने का एक माध्यम रहा है। इन पुरस्कारों को भारत सरकार द्वारा दिया जाता है और इनकी जूरी में फिल्म उद्योग के विशेषज्ञ, आलोचक और अन्य विशिष्ट व्यक्ति शामिल होते हैं।
बदलती छवि और आलोचना
हालांकि, पिछले कुछ सालों में नैशनल अवॉर्ड्स को लेकर आलोचनाएं बढ़ती गई हैं। कई लोगों का मानना है कि अब इन पुरस्कारों का चुनाव राजनीतिक और व्यक्तिगत पसंद-नापसंद पर आधारित हो गया है। कई बार ऐसे फिल्मों और कलाकारों को अवॉर्ड मिलते हैं जिनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहती हैं या जिनका काम बहुत ज्यादा चर्चित नहीं होता। इससे लोगों का विश्वास कमजोर होता जा रहा है।
प्रकाश राज की चिंता
प्रकाश राज ने यह भी कहा कि जब वे नैशनल अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुए थे, तो उन्हें लगा कि यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। लेकिन आज उन्हें लगता है कि इन पुरस्कारों का महत्व कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा, “अब नैशनल अवॉर्ड्स को लोग ‘पाइल्स-फाइल्स’ कहते हैं, क्योंकि इन्हें लेना इतना आसान हो गया है कि लगता है किसी को भी मिल सकते हैं।” उनका यह बयान उन लोगों के लिए भी एक तीखी टिप्पणी है जो इन पुरस्कारों को अपने करियर का बड़ा मोड़ मानते हैं।
इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
- प्रकाश राज के इस बयान पर इंडस्ट्री के कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
- कुछ लोगों ने उनकी बात से सहमति जताई है,
- जबकि कुछ ने इसे अतिशयोक्ति बताया है।
- लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना है कि नैशनल अवॉर्ड्स को लेकर आलोचना बढ़ती जा रही है
- और इसकी वजह यह है कि अब इन पुरस्कारों का चुनाव इतना आसान हो गया है
- कि लगता है किसी को भी मिल सकते हैं।
निष्कर्ष
- प्रकाश राज का यह बयान नैशनल अवॉर्ड्स की वर्तमान स्थिति को दर्शाता है।
- इन पुरस्कारों का महत्व कम होता जा रहा है और लोगों का विश्वास भी कमजोर होता जा रहा है।
- अगर इन पुरस्कारों को अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखनी है,
- तो इनकी जूरी और चुनाव प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है।
- वरना यह वाकई ‘पाइल्स-फाइल्स’ बन जाएंगे।










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