शिव को समर्पित मंदिर : कैलासा मंदिर एक ही चट्टान से तराशा गया शिव को समर्पित भारतीय स्थापत्य का अद्भुत चमत्कार!
June 14, 2025 2025-06-14 11:19शिव को समर्पित मंदिर : कैलासा मंदिर एक ही चट्टान से तराशा गया शिव को समर्पित भारतीय स्थापत्य का अद्भुत चमत्कार!
शिव को समर्पित मंदिर : कैलासा मंदिर एक ही चट्टान से तराशा गया शिव को समर्पित भारतीय स्थापत्य का अद्भुत चमत्कार!
शिव को समर्पित मंदिर : भारत की प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम है महाराष्ट्र के एलोरा में स्थित कैलासा मंदिर। यह मंदिर न केवल भगवान शिव को समर्पित है, बल्कि यह भारतीय शिल्पकला, विज्ञान और समर्पण का ऐसा उदाहरण है, जिसकी मिसाल विश्व में कहीं और नहीं मिलती। यह मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल एलोरा की गुफाओं का सबसे भव्य और प्रसिद्ध मंदिर है!
इतिहास और निर्माण

कैलासा मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के महान सम्राट कृष्ण प्रथम (757-783 ई.) के शासनकाल में हुआ था345। इसे कैलाश पर्वत की प्रतिकृति के रूप में बनाया गया, जो हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है12। इस मंदिर को तराशने में करीब 40,000 टन चट्टान हटाई गई और इसे तैयार होने में लगभग 150 वर्ष लगे, जिसमें हजारों शिल्पकारों और मजदूरों ने अपना योगदान दिया!
वास्तुकला और शिल्पकला
कैलासा मंदिर पूरी तरह से एक ही विशाल बेसाल्ट चट्टान को ऊपर से नीचे की ओर काटकर बनाया गया है यह प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि एक छोटी सी गलती भी पूरे मंदिर को बर्बाद कर सकती थी। मंदिर की लंबाई लगभग 276 फीट, चौड़ाई 154 फीट और ऊंचाई 90 से 100 फीट तक है मंदिर के अंदर और बाहर की दीवारों पर रामायण, महाभारत, शिव-पार्वती, गणेश, नंदी, हाथी, स्तंभ और अन्य देवी-देवताओं की अद्भुत नक्काशी की गई है मंदिर के सामने एक विशाल नंदी मंडप है, और प्रवेश द्वार पर दो मंजिला गोपुरम है, जो दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है!
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कैलासा मंदिर न केवल स्थापत्य का चमत्कार है, बल्कि यह हिंदू धर्म, विशेषकर शिव भक्ति का केंद्र भी है। सावन माह में यहां लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं1। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कथाएं, मूर्तियां और धार्मिक दृश्य भारतीय संस्कृति, पौराणिक कथाओं और आस्था का जीवंत चित्रण प्रस्तुत करते हैं!
रहस्य और आकर्षण
कैलासा मंदिर के निर्माण से जुड़े कई रहस्य आज भी लोगों को हैरान करते हैं।
इतनी विशाल चट्टान को बिना आधुनिक मशीनों के कैसे तराशा गया
यह आज भी एक रहस्य है कुछ लोग इसे दैवीय चमत्कार मानते हैं
तो कुछ इसे प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र और विज्ञान का अद्वितीय उदाहरण मानते हैं!
कहा जाता है कि मुगल शासक औरंगज़ेब ने इसे नष्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन वह इसमें असफल रहा!
कैलासा मंदिर भारतीय स्थापत्य, शिल्पकला और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम है।
यह मंदिर न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व का विषय है। इसकी भव्यता,
रहस्य और धार्मिक महत्व इसे हर श्रद्धालु और कला प्रेमी के लिए अवश्य देखने योग्य बनाते हैं!