मत पूछ मेरे जागने की वजह ए चांद, कोई तेरा ही हमशक्ल है जो सोने नहीं देता

मेरे ठोकरें खाने से भी कुछ लोगो को दिक्कत है, कहते है यूं तो ये शख्स, तजुर्बे से आगे निकल जायेगा

एक मशला है उसे भुलाने में, उसके बदले में किसको याद करू

चांद की कीमत वो क्या जाने, जो सूरज ढलते ही सो गए

बदला बदला सा है मिजाज क्या बात हो गई, शिकायत हमसे है, या किसी और से मुलाकात हो गई

ये जिंदगी भी ना आईने की तरह है, ये तभी मुस्कुराएगी जब तुम

कितना मुस्किल है ये जिंदगी का सफर, खुदा ने जीना मुस्कील किया और लोगो ने मरना