दिल मे छिपी यादों से सवारूँ तुझे, तू देखे तो अपनी आँखों मे उतारू तुझे, तेरे नाम को लबों पे ऐसे सजाया है, सो भी जाऊ तो ख्वाबों में पुकारू तूझे
चाहत के ये कैसे अफ़साने हुए, खुद नजरों में अपनी बेगाने हुए, अब दुनिया की नहीं कोई परवाह हमें, इश्क में तेरे इस कदर दीवाने हुए
तुम्हें क्या पता तेरे इंतजार में, हमने कैसे वक्त गुजारा है, एक बार नही हजारों बार, तेरी तस्वीर को निहारा है
ये तुमसे किसने कहा तुम इश्क़ का तमाशा करना, अगर मोहब्बत करते हो हमसे तो बस हल्का सा इशारा करना