इश्क मोहब्बत के सारे तराने गा देंगे
तुम्हारे लिए खुशियों के जमाने ला देंगे
सारे दर्द मुझे ही सौंप दिए
लगता है खुदा मुझ पर
सबसे ज्यादा भरोसा करता है
राख से मोहब्बत की यह खुशबू कैसी
शायद किसी आशिक का खत जलाया जा रहा है
कब तक सताओगे प्रभु
आखिर हम भी तो तेरे ही बच्चे हैं
बारिश के मौसम में गरजते हैं बादल
कोई प्यार में पागल तो कोई बरसात में पागल