हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी, हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी

गिरगिट से हो गए हैं आजकल के रिश्ते मौका मिलते ही रंग बदल लेते हैं

कभी जिंदगी से हरो मत क्योंकि अगर ये खुशी नहीं देती, तो जरूर आपको तजुर्बा दे जाती है

जिंदगी एक आइने की तरह होती है, जब आप मुस्कुराओगे तभी वो भी मुस्कुराएगी

ज़िंदगी एक हादसा है और कैसा हादसा, मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं