Samar 2 : भारत ने अपनी रक्षा तंत्र को मजबूती देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
भारतीय रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन (DRDO) ने
पुरानी रूसी मिसाइल से नई मिसाइल ‘अग्निबाण’ का निर्माण किया है।

Samar 2
भारत ने अपनी रक्षा तंत्र को मजबूती देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
भारतीय रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन (DRDO) ने
पुरानी रूसी मिसाइल से नई मिसाइल ‘अग्निबाण’ का निर्माण किया है।
यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन के लिए
एक बड़ी चुनौती होगी और उनकी नींद उड़ा देगी।
‘अग्निबाण’ मिसाइल एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है
जिसका निर्माण भारतीय रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन ने किया है।
इस मिसाइल का निर्माण पुरानी रूसी मिसाइल ‘स्काद’ के आधार पर किया गया है।
‘अग्निबाण’ मिसाइल की गति 2 महीने तक बढ़ाई जा सकती है और यह संघर्ष क्षेत्र में अद्वितीय स्थान रखेगी।
अग्निबाण मिसाइल की विशेषताएं भारतीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इसकी रेंज 500 किलोमीटर होगी और यह सुपरसोनिक गति में चलेगी,
जिससे इसका निशान लगाना पाकिस्तान और चीन के लिए काफी कठिन होगा।
इसका निर्माण भारतीय रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन ने बहुत मेहनत करके किया है
और इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया गया है।
अग्निबाण मिसाइल के विकास से भारत अपनी रक्षा तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ पाकिस्तान और चीन को चेतावनी भी दे रहा है। इस मिसाइल की रेंज और गति को देखते हुए, पाकिस्तान और चीन को अपनी सुरक्षा के मामले में सतर्क रहना होगा। यह मिसाइल भारतीय सेना को अधिक सुरक्षा की गारंटी देगी और उसे अपने दुश्मनों के प्रति अधिक सशक्त बनाएगी।
इसके अलावा, अग्निबाण मिसाइल का निर्माण भारत की रक्षा उद्योग को भी बढ़ावा देगा। यह मिसाइल भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति है और इससे भारत की रक्षा क्षमता में वृद्धि होगी। इसके अलावा, इस मिसाइल का निर्माण भारत की रक्षा तंत्र की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा।
भारतीय सरकार ने अग्निबाण मिसाइल के निर्माण के लिए बड़ी धनराशि निर्धारित की है। इससे भारतीय रक्षा उद्योग को विकास करने में मदद मिलेगी और देश की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। इस मिसाइल के निर्माण से भारत ने अपनी रक्षा तंत्र को मजबूत बनाया है और इससे देश की रक्षा सुरक्षित रहेगी।
समर-2 या अग्निबाण मिसाइल भारत के लिए गर्व की बात है। इस मिसाइल की गति, रेंज और निर्माण की विशेषताओं को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाया है। इस मिसाइल के निर्माण से भारत अपने दुश्मनों के प्रति सशक्त और सुरक्षित रहेगा।








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