लालू जंगलराज 32000 किडनैपिंग: जानिए बिहार के लालू-राबड़ी राज में 15 सालों में हुए 32,000 से ज्यादा अपहरण की भयावह सच्चाई। अपराध, किडनैपिंग, और जंगलराज के दौर की पूरी जानकारी। बिहार चुनाव 2025 के संदर्भ में महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान।
लालू जंगलराज 32000 किडनैपिंग: लालू यादव के जंगलराज में 32,000 से ज्यादा किडनैपिंग, बिहार की जनता को याद है वो डरावना दौर

बिहार के इतिहास में लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के शासनकाल को जंगलराज के नाम से जाना जाता है। इस दौरान राज्य में अपराध, अपहरण, हत्या और नरसंहार की घटनाएं इतनी बढ़ गईं कि आम आदमी के लिए जीवन जीना मुश्किल हो गया था।
ताजा चुनावी रैलियों में गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस दौर की याद दिलाते हुए बताया कि लालू-राबड़ी राज में 32,000 से ज्यादा किडनैपिंग की घटनाएं हुईं, जिसमें स्कूली बच्चे, महिलाएं, व्यवसायी और यहां तक कि डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल थे.
जंगलराज का डरावना दौर
1990 से 2005 तक लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल में बिहार में अपराध की घटनाएं चरम पर थीं। इस दौरान अपहरण एक उद्योग बन गया था। लोग दिन-रात घर से बाहर निकलने से डरते थे।
स्कूली बच्चों का अपहरण तक हो जाता था,
और उनकी फिरौती के लिए डील मुख्यमंत्री आवास से होती थी।
अपहरणकर्ताओं को सरकारी संरक्षण मिलता था, और अपहरण के पैसे सीधे सीएम हाउस पहुंचते थे.
आंकड़े और तथ्य
- लालू-राबड़ी राज के 15 साल में 32,000 से ज्यादा अपहरण की घटनाएं हुईं।
- इस दौरान 18,136 हत्याएं हुईं, जबकि वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा थी, क्योंकि तब थानों में एफआईआर दर्ज नहीं की जाती थीं.
- 59 बड़े जातीय नरसंहार हुए, जिनमें 600 से ज्यादा लोगों की जान गईं.
- अपहरण के डील सीधे मुख्यमंत्री आवास से होते थे, और अपराधियों को सरकारी संरक्षण मिलता था.
जंगलराज का खात्मा और आज की बात
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में जंगलराज का खात्मा हुआ
और राज्य में विकास और सुरक्षा का दौर शुरू हुआ।
आज भी बिहार की जनता उस डरावने दौर को याद करती है,
जब अपहरण और हत्या की घटनाएं रोज की बात थीं।
चुनावी रैलियों में नेता जंगलराज की याद दिलाकर जनता
को सावधान कर रहे हैं कि वापस जंगलराज न लौट आए.
निष्कर्ष
लालू यादव के जंगलराज का दौर बिहार के इतिहास में एक काला अध्याय है।
32,000 से ज्यादा किडनैपिंग, हजारों हत्याएं और नरसंहार ने राज्य की जनता को डरावनी यादें दीं।
आज बिहार की जनता चाहती है कि विकास और सुरक्षा का दौर जारी रहे,
और जंगलराज की वापसी न हो.












