Maharashtra Election Results: में किस रणनीति ने दिलाई BJP को प्रचंड जीत? जानिए महायुति की विजय के 5 बड़े कारण
November 23, 2024 2024-11-23 13:18Maharashtra Election Results: में किस रणनीति ने दिलाई BJP को प्रचंड जीत? जानिए महायुति की विजय के 5 बड़े कारण
Maharashtra Election Results: में किस रणनीति ने दिलाई BJP को प्रचंड जीत? जानिए महायुति की विजय के 5 बड़े कारण
Maharashtra Election Results: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार
को जारी मतगणना में बीजेपी नीत महायुति गठबंधन प्रचंड जीत की ओर अग्रसर है.
महायुति राज्य की 288 विधानसभा सीट में से 217 सीट पर बढ़त के साथ राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए तैयार है.
सियासी गलियारों में महायुति की जीत के कई कारण बताए जा रहे हैं.
महिलाओं और किसानों का समर्थन, प्रधानमंत्री के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’
के बाद ओबीसी का एकीकरण, विदर्भ क्षेत्र में पूर्ण उलटफेर और
शरद पवार का पतन- महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति
(एमवाई) की जीत के पीछे ये पांच प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं.
महिलाओं ने जमकर दिया वोट
2019 के मुकाबले इन चुनावों में 53 लाख ज़्यादा महिलाओं ने वोट दिया और उनके वोटिंग प्रतिशत में छह प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
महिला मतदाताओं ने महायुति को ‘लाडकी बहिन योजना’ के लिए ये समर्थन दिया है,
जिसके तहत राज्य की 2.5 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को चुनाव तक 1,500 रुपये की पांच किस्तें मिलीं
लाडकी बहिन योजना कर गई काम
इस योजना में ‘पहले कदम उठाने’ के लाभ के साथ, महायुति ने राशि को
बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया.
कुछ ऐसा जिस पर महिला मतदाताओं ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के 3,000 रुपये के वादे के बजाय अपना भरोसा जताया.
यह स्पष्ट है कि इन महिला मतदाताओं ने महायुति को वोट
देने के लिए जातिगत बाधाओं के साथ-साथ धार्मिक बाधाओं को भी पार किया.
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
चुनावी जीत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा
कि उनकी प्रमुख पहल ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के कारण ही
विधानसभा चुनाव के रुझान महायुति के पक्ष में हैं. शिंदे ने कहा कि राज्य की
जनता ने कल्याणकारी योजनाओं का जवाब अपने मतों से दिया है.
शिंदे ने कहा, ‘मैं राज्य की सभी लाडकी बहिनों और भाइयों को धन्यवाद देता हूं
जिन्होंने बड़ी संख्या में हमारे लिए मतदान किया. मतदान का रुझान हमारे काम का समर्थन है.’
उन्होंने कहा, ‘समाज के हर वर्ग ने हमारे विकास के प्रयासों के कारण हमें वोट दिया है.
जनता ने हमारे काम को देखा है और अपने मतों के माध्यम से इसका जवाब दिया है.’
शिंदे ने कहा कि इस परिणाम से उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है.
किसानों का मिला साथ
महायुति में बीजेपी ने मुख्य भूमिका निभाई है और पूरे एमवीए से ज़्यादा सीटों पर बढ़त हासिल की है.
यह तीन अंकों के उच्च अंक के साथ सबसे बड़ी पार्टी है.
इसका एक और बड़ा कारण यह है कि महायुति को किसानों ने बड़े पैमाने पर समर्थन दिया है,
क्योंकि भाजपा ने एमएसपी मुद्दे पर आश्वासन के साथ कपास और सोयाबीन किसानों से संपर्क किया था.
भाजपा ने इस सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ज़्यादा कपास की फसल खरीदने और
15 प्रतिशत तक नमी की मात्रा सहन करने के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत सोयाबीन खरीदने का वादा किया था.
ऐसा लगता है कि किसान अब महायुति से नाराज नहीं रहे.
विदर्भ क्षेत्र में कर दिया उलटफेर
भाजपा ने परंपरा से हटकर किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी का वादा किया है.
ऐसा कुछ जो वह आमतौर पर राज्य चुनावों में नहीं करती है. यह विदर्भ क्षेत्र में
पूरी तरह से उलटफेर के लिए जिम्मेदार है, जहां महायुति ने छह महीने पहले आम
चुनावों में 10 लोकसभा सीटों में से आठ हारने के बाद इस बार बड़े पैमाने पर जीत हासिल की है.
एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा चला
महायुति की जीत का चौथा और सबसे बड़ा कारण है महायुति के पक्ष में
ओबीसी का मजबूत एकीकरण, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’,
और यूपी के सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ से प्रेरित है. ये नारे इतने लोकप्रिय हुए
कि राहुल गांधी को महाराष्ट्र चुनाव प्रचार में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस इन्हीं नारों के इर्द-गिर्द रखनी पड़ी.
हालांकि एमवीए ने कहा था कि ये नारे विभाजनकारी हैं, लेकिन इसने महाराष्ट्र में हिंदू एकीकरण
के अपने उद्देश्य को पूरा किया है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
ने राज्य विधानसभा चुनाव में ‘महायुति’ के प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ने के साथ
ही शनिवार को इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ को दिया.
फडणवीस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, ‘एक हैं तो सेफ हैं, मोदी है तो मुमकिन है.’
शरद पवार की पार्टी का पतन
भाजपा के इस बड़े प्रदर्शन का अंतिम और शायद सबसे महत्वपूर्ण कारण शरद पवार की पार्टी का पतन
और भाजपा के साथ सीधे मुकाबले में कांग्रेस की हार है. 76 सीटें ऐसी थीं,
जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था. इनमें से लगभग 2/3 सीटों पर भाजपा आगे चल रही है.
भाजपा के हाई स्ट्राइक रेट ने कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया है.
आरएसएस ने निभाई बड़ी भूमिका
शरद पवार को चुनाव से पहले भाजपा खेमे में खतरा माना जाता था, लेकिन उनके पतन
और अंतिम स्थान पर पहुंचने से एमवीए को नुकसान हुआ है. एकनाथ शिंदे के अच्छे
प्रदर्शन ने भी सीधे मुकाबले में उद्धव को नुकसान पहुंचाया है. हरियाणा की तरह ही
इन चुनावों में भी महाराष्ट्र में भाजपा का एक छिपा हुआ हथियार आरएसएस की मजबूत जमीनी तैयारी रही है.
संगठन ने राज्य में 60,000 से अधिक छोटी बैठकें कीं और भाजपा के मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया.
इस बार राज्य में रिकॉर्ड 5 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ, साथ ही इन चुनावों में
भाजपा ने जिन 152 सीटों पर चुनाव लड़ा,
उनमें से 80 प्रतिशत से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की.