अजमेर शरीफ दरगाह तो 850 साल पुरानी; शिव मंदिर होने के दावे पर क्या बोले सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती
November 28, 2024 2024-11-28 14:38अजमेर शरीफ दरगाह तो 850 साल पुरानी; शिव मंदिर होने के दावे पर क्या बोले सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती
अजमेर शरीफ दरगाह तो 850 साल पुरानी; शिव मंदिर होने के दावे पर क्या बोले सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती
अजमेर शरीफ दरगाह संभल की जामा मस्जिद को लेकर उत्तर प्रदेश में मचे बवाल के बीच अब राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह
को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू सेना की ओर से दायर याचिका सुनवाई के लिए
अजमेर की स्थानीय अदालत में स्वीकार किए जाने के बाद मुस्लिम पक्ष ने सरकार से मांग की है
संभल की जामा मस्जिद को लेकर उत्तर प्रदेश में मचे बवाल के बीच अब राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह
को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू सेना की ओर से दायर याचिका सुनवाई के लिए अजमेर की स्थानीय
अदालत में स्वीकार किए जाने के बाद मुस्लिम पक्ष ने सरकार से मांग की है
कि इस तरह हर मस्जिद में मंदिर तलाशने की नई प्रथा पर रोक लगानी चाहिए। ऑल इंडिया सूफी
सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर शरीफ दरगाह के प्रमुख के उत्तराधिकारी
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि दरगाह 850 साल पुरानी है
और इसे 100 साल पुरानी एक किताब से खारिज नहीं किया जा सकता है।
एएनआई से बातचीत में चिश्ती ने कहा कि अदालत ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं,
एक है दरगाह समिति, ASI और तीसरा अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय। मैं ख्वाजा मोइनुद्दीन
चिश्ती का वंशज हूं, लेकिन मुझे इसमें पक्ष नहीं बनाया गया है। फिर भी यह हमारे बुजुर्गों से जुड़े
अजमेर शरीफ दरगाह तो 850 साल पुरानी; शिव मंदिर होने के दावे पर क्या बोले सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती
दरगाह का मामला है। हमने इस पर निगाह बना रखी है। हम अपनी कानूनी टीम के संपर्क में हैं,
जो भी उनकी सलाह होगी उसके मुताबिक हमें जो कानूनी कदम उठाना होगा उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया है, किसी को भी अदालत जाने का अधिकार है।
अदालत में याचिकाएं सुनी जाती हैं और खारिज भी की जाती हैं।
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि नई परिपाटी देश में बनाई जा रही है कि आए दिन कभी किसी
मस्जिद में मंदिर का दावा किया जा रहा है कभी किसी दरगाह में। यह हमारे देश के हित में नहीं है।
आज भारत ग्लोबल शक्ति बनने जा रहा है, हम कब तक मंदिर-मस्जिद के विवाद महम आने वाली पीढ़ियों को क्या मंदिर-मस्जिद विवाद देकर जाएंगे। सस्ती लोकप्रियता के लिए
लोग ऐसे कदम उठाते हैं जिससे करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचती है।
अजमेर दरगाह से पूरी दुनिया के मुस्लिम, हिंदू, सिख, ईसाई सब जुड़े हुए हैं, सबकी आस्था यहां से जुड़ी है।