उनके इश्क की पहचान अभी बाकी है नाम उसका लवो पर है और मुझ में जान बाकी है

अब बेमतलब की दुनिया का सिलसिला खत्म अब जिस तरह की दुनिया है उसी तरह के है हम

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया

इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ

कबूल ऐ करते हे तेरे कदमो मे गिरकर सजाए मौत मनजूर है मगर अब मोहब्बत नही करनी