हौसले बुलंद रखो, मंज़िल खुद बुलाएगी, राह में आए अंधेरे को रोशनी मिटाएगी। जब तक न पहुँचो लक्ष्य तब तक न रुको, क्योंकि हार के बाद ही जीत का स्वाद आएगी।

तूफ़ानों से लड़ना सीख, डर को अपना मित्र बना, जब तक न टूटे पंख, उड़ान को अपना धर्म बना। कभी हार मत मान, कभी झुक मत जाना, क्योंकि संघर्ष ही सफलता की पहचान बनाएगा।

जिंदगी की राह में मुश्किलें आएंगी, परवाज़ के लिए हवाएं भी लड़ाएंगी। डर को दिल से निकाल, आगे बढ़ चल, क्योंकि तेरी मेहनत ही तुझे मंज़िल दिलाएगी।

रोक सकते हैं लोग तेरा रास्ता, पर नहीं रोक सकते तेरा हौसला। जब तक तू चाहे, तब तक कोई नहीं, क्योंकि तेरी मंज़िल तेरे इरादों पर है निर्भर।

गिरकर संभलना सीख, यही जीने की रीत है, हार के बाद ही जीत की कहानी लिखी जाती है। डर को पीछे छोड़, आगे बढ़ते चल, क्योंकि तेरी मंज़िल तेरे कदमों को बुला रही है।

जब तक न पहुँचो मंज़िल, तब तक न रुको, हर मुश्किल को चुनौती देकर आगे बढ़ो। क्योंकि जो लोग हार नहीं मानते, वही इतिहास के पन्नों में नाम लिखवाते हैं।

अंधेरे भी डरते हैं उस इंसान से, जो अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखता है। तूफ़ानों से लड़कर ही समंदर पार होता है, और मेहनत से ही सितारों को छुआ जाता है।

जब तक न मिले मंज़िल, तब तक न रुको, हर मुश्किल को चुनौती देकर आगे बढ़ो। क्योंकि जो लोग हार नहीं मानते, वही इतिहास के पन्नों में नाम लिखवाते हैं।

जिंदगी की राह में मुश्किलें आएंगी, परवाज़ के लिए हवाएं भी लड़ाएंगी। डर को दिल से निकाल, आगे बढ़ चल, क्योंकि तेरी मेहनत ही तुझे मंज़िल दिलाएगी।

हौसले बुलंद रखो, मंज़िल खुद बुलाएगी, राह में आए अंधेरे को रोशनी मिटाएगी। जब तक न पहुँचो लक्ष्य तब तक न रुको, क्योंकि हार के बाद ही जीत का स्वाद आएगी।