हमारा स्टाइल और एटीट्यूड ही कुछ अलग है,
बराबरी करने जाओगे तो बिक जाओगे!
हमें शायर समझ के यूँ नजर अंदाज मत करिये,
नजर हम फेर ले तो हुस्न का बाजार गिर जायेगा!
शाखों से गिर कर टूट जाऊ मै वो पत्ता नही,
आँधियो से कह दो कि अपनी औकात मे रहें!
हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं,
हमसे ज़माना है ज़माने से हम नहीं!
मेरी दोस्ती इतनी सस्ती नही कि
हर कोई मेरा दोस्त बन जाए!
शरीफ है हम किसी से लड़ते नहीं पर जमाना जानता है,
किसी के बाप से हम डरते नहीं!
हमारी हैसियत का अंदाज़ा तुम ये जान के लगा लो,
हम कभी उनके नहीं होते जो हर किसी के हो गए!