न किसी से जलती हु
न किसी को जलाती हूँ
क्युकी मै अपने माँ बाबा की
एक मासूम सी शहज़ादी हूँ
शरीफों की शराफत और हमारा
कमीनापन किसी को अच्छा
नहीं लगता
दुनिया में रहकर, दुनिया के साथ तो लोग चलते है ..
हम तो दिलो की राजकुमारी हे Attitude में रहकर,
दुनिया में छाती ठोक कर चलते है
जो एक बार नज़रो से उतर जाए
फिर फर्क नहीं पड़ता की
वो जिए या मर जाए
लक तो हर किसी का है यार
पर हमें पाने के लिए लक नहीं
गुड लक चाहिए!