रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो, अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो, आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को, आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।
कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा, खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा, प्यार की आग में उसको इतना जला देंगे, कि इजहार वो मुझसे सरे-बाजार करेगा।
आप दिल से दूर हैं और पास भी, आप लवो की हँसी हो, और आँसू भी, आप दिल का सुकून हो,और बेचैनी भी, आप हमारी अमानत हो,और एक सपना भी।
कुछ देर का इंतज़ार मिला हमको, पर सबसे प्यारा यार मिला हमको, तेरे बाद किसी और की ख्वाइश न रही, क्योंकि तेरे प्यार से सब कुछ मिला हमको।