मन में छिपे तमस को मिट जाने दो पूरे हर्षोल्लास के साथ आज दिया जलाने दो

ज़िंदगी के चिराग में मेहनत की बाती जलाकर ज़माने को रोशन करो, खुशियों को गले लगाकर

घर का कोई कोना अँधेरे की गिरफ्त में न मिले हर कोने में खुशियों का चलो एक दीप जलाएं

अंतर्मन की मायूसी और तमस को तलाक देकर उजाले को अपनाएं, खुशियों के सहन में रहकर

“दीपों का यह पावन त्योहार प्रकाशित कर दे सारा संसार