प्रेम में डूबा हुआ ह्रदय उतना ही पवित्र है, जितना गंगा जल में डूबा हुआ कलश…

मुझे क्या पता तेरे सिवा कोई हसीन है या नही, मैने तेरे सिवा किसी और को देखा ही नहीं…!

ना जाहिर हुई उनसे ना बयां हुई हमसे, सुलझी हुई आंखो में उलझी रही मोहब्बत

आज फिर किसी ने देखा हमे मोहब्बत भरी निगाहों से, आज फिर हमने तुम्हारी खातिर नजरे झुका ली…