दिल की हर बात जमाने को बता देते हैं, अपने हर राज पर से परदा उठा देते हैं, आप हमें चाहें न चाहें इसका गिला नहीं, हम जिसे चाहें उस पर जान लुटा देते हैं।

प्यार की हद को समझना, मेरे बस की बात नहीं, दिल की बातों को छुपाना, मेरे बस की बात नहीं, कुछ तो बात है तुझमें जो यह दिल तुमपे मरता है, वरना यूँ ही जान गँवाना, मेरे बस की बात नहीं।

कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।

आ जाओ किसी रोज़ तुम तो तुम्हारी रूह मे उतर जाऊँ ! साथ रहूँ मैं तुम्हारे ना किसी और को नज़र आऊँ ! चाहकर भी मुझे कोई छू ना सके मुझे कोई इस तरह ! तुम कहो तो यूं तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ !