तन्हाई का आलम कुछ ऐसा है, आँखों में नींद नहीं और दिल में चैन नहीं।
वो बातें अब कहाँ याद आती हैं, जो कभी दिल को सुकून देती थीं।
दिल के दर्द को सहने का हौसला रखता हूँ, फिर भी आँखों से आँसू बहने का इरादा रखता हूँ।
तुम्हारे बिना ये जिंदगी अधूरी सी लगती है, हर खुशी बेमानी और हर ग़म भारी सा लगता है।