जब किसी की रूह में उतर जाता है मोहब्बत का समंदर,
तब लोग जिन्दा तो होते हैं, लेकिन किसी और के अंदर।
अब हम भी कुछ मोहब्बत के गीत गुनगुनाने लगे हैं,
जब से वो हमारे ख्वाबो में आने लगे हैं।
मुझ सा कोई जहान में नादान भी न हो,
कर के जो इश्क कहता है नुकसान भी न हो।
मुझको चाहते होंगे और भी बहुत लोग,
मगर मुझे मोहब्बत सिर्फ अपनी मोहब्बत से है।