चांद मे दिखती है मुझे मेरे पिया की सूरत, चांद संग चांदनी सी है मुझे भी उनकी जरुरत।

चांद की पूजा करके, करती हूं मैं दुआ तुम्हारी सलामती की तुझे लग जाए मेरी भी उमर, गम रहे हर पल तुझसे जुदा!

सुंदरता की प्रतिस्पर्धा अपने पूरे शबाब पे है आज एक चांद दूसरे चांद के इंतजार में है।

सुख दुःख मे हम तुम हर पल साथ निभाएंगे एक जनम नहीं सातो जनम पति-पत्नी बन आएंगे।

मेहंदी को लगा दिया है हाथों पर ओर माथे पर सिंदूर लगाया है, पिया आजा पास हमारे देख चांद भी निकल आया है