जीवन में आपको रोकने-टोकने वाला कोई है तो उसका एहसान मानिए, क्योंकि जिन बागों में माली नही होते, वो बाग जल्दी ही उजड़ जाते हैं
रिश्ते निभाने के लिए बुद्धि नही, दिल की शुद्धि होनी चाहिए सत्य कहो, स्पष्ट कहो, सम्मुख कहो, जो अपना हुआ वो समझेगा, जो पराया हुआ वो छूटेगा
नेत्र हमे केवल दृष्टि प्रदान करते हैं परंतु हम कब किसमे क्या देखते हैं ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है
कोई भी रिश्ता अपनी मर्जी से नही जुड़ता क्योंकि आपको कब.. कहां.. किससे मिलना है ये सिर्फ़ ऊपरवाला तय करता है
मान और सम्मान की लड़ाई में कभी अकेले रह जाओ तो रह लेना। पर किसी के सामने खुद को टूटने न देना। खुद का सम्मान करोगे तभी दूसरों से मान पाओगे
नियत साफ और मकसद सही हो तो यकीनन किसी न किसी रूप में ईश्वर भी आपकी मदद करते हैं
कभी मायूस मत होना दोस्तों… ज़िन्दगी अचानक कहीं से भी अच्छा मोड़ ले सकती है