जवाब लेने चले थे सवाल ही भूल गए अजीब है इश्क ए भी हम अपना हाल ही भूल गए
खुद से लड़कर मैं खुद से ही हारी हु समंदर सा गहरा हूँ मैं इश्क का मारी हूँ
अक्सर दिल उन्ही का टूटता है जो सच्चा प्यार करते है
न रात कटती है न जिंदगी एक शख्स वक्त को धीमा कर गया
तराजू मोहब्बत का था बेवफाई भारी पड़ गया