जब हम किसी का अच्छा कर रहे होते हैं, तब हमारे लिए भी कहीं कुछ अच्छा हो रहा होता है
किसी भी व्यक्ति की सहनशीलता एक खिचे हुए धागे की तरह होती है, एक सीमा से अधिक खिचे जाने पर उसका टूटना तय है
जिसकी फितरत हमेशा बदलने की हो वह कभी किसी का नही हो सकता, चाहे वह समय हो या इंसान
कर्म बहुत ध्यान से कीजिए, क्योंकि ना किसी की दुआ खाली जाती है और ना ही किसी की बद्दुआ
लोगों की निंदा से परेशान होकर अपना रास्ता ना बदलना क्योंकि सफलता शर्म से नही, साहस से मिलती है।