नोबेल शांति पुरस्कार 2025 : जानिए कैसे वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार 2025 दिया गया और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इससे क्यों वंचित रखा गया। पढ़ें नोबेल समिति के बयान का पूरा विश्लेषण।
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा के साथ ही दुनिया भर में चर्चा छिड़ गई है। नोबेल समिति ने वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को यह सम्मान दिया है, जिन्हें लोकतंत्र के लिए उनके अथक संघर्ष और न्यायपूर्ण शांतिपूर्ण संक्रमण के प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है। इस घोषणा के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम को छांटे जाने पर भी भारी चर्चा हुई है, जिन्होंने हाल के महीनों में बार-बार दावा किया था कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।
मारिया कोरिना माचाडो को क्यों दिया गया नोबेल पुरस्कार?

- नोबेल समिति ने माचाडो को “वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और एक
- न्यायपूर्ण व शांतिपूर्ण संक्रमण के लिए उनके संघर्ष” के लिए सम्मानित किया है। वेनेजुएला में लंबे समय से राजनीतिक
- अस्थिरता और आर्थिक संकट चल रहा है, जिसके बीच माचाडो ने नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई है।
- उन्होंने निरंकुशता के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वेनेजुएला के
- लोगों के लिए आवाज बनी हैं। नोबेल समिति का कहना है कि उनका काम अल्फ्रेड नोबेल
- की विरासत के अनुरूप है, जो शांति, न्याय और मानवता के लिए समर्पित थे।
डोनाल्ड ट्रंप को क्यों नहीं चुना गया?
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के महीनों में कई बार दावा किया था कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने दुनिया भर में ‘युद्धों को रोकने’ में योगदान दिया है। हालांकि, नोबेल समिति ने इस दावे को खारिज कर दिया।
- समिति के अध्यक्ष जॉर्जन वाटने फ्राइडनेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि “हमारा निर्णय अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा और कार्य पर आधारित होता है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी बैठक कक्ष में सभी नोबेल विजेताओं के चित्र लगे हैं, और वह कमरा साहस और ईमानदारी से भरा है।
- इस बयान को ट्रंप के खिलाफ एक तीखी टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें उनकी नीतियों और शांति प्रयासों की ईमानदारी पर सवाल उठाया गया है।
नोबेल पुरस्कार के मानदंड क्या हैं?
नोबेल शांति पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जो:
- शांति समझौतों को बढ़ावा देते हैं
- लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं
- युद्ध या आतंकवाद के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष करते हैं
- मानवता के लिए उल्लेखनीय योगदान देते हैं
माचाडो का काम इन सभी मानदंडों पर खरा उतरता है, जबकि ट्रंप के दावे अक्सर आलोचना के घेरे में रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं!
- माचाडो के नामांकन का स्वागत अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और लोकतंत्रवादियों ने किया है।
- यूरोपीय संघ ने कहा कि यह पुरस्कार वेनेजुएला के लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है।
- वहीं, ट्रंप प्रशासन ने अभी तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
- नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि यह पुरस्कार वास्तविक शांति
- और न्याय के लिए संघर्ष करने वालों के लिए है, न कि राजनीतिक दावों के लिए। मारिया कोरिना माचाडो का
- चयन उनके साहसिक कार्य को सम्मान देता है, जबकि नोबेल समिति का बयान यह भी दर्शाता है कि वे अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेंगे।












