Lakshmi ji ki aarti : घर की दरिद्रता को दूर करने के लिए कैसे करे माँ लक्ष्मी की आरती और पूजन
April 9, 2024 2024-04-09 14:53Lakshmi ji ki aarti : घर की दरिद्रता को दूर करने के लिए कैसे करे माँ लक्ष्मी की आरती और पूजन
Lakshmi ji ki aarti : घर की दरिद्रता को दूर करने के लिए कैसे करे माँ लक्ष्मी की आरती और पूजन
Introduction : Lakshmi ji ki aarti
आरती एक प्रकार का पूजा रूप है जिसमें धर्मिक आदतों के अनुसार ईश्वर की पूजा की जाती है। यह एक प्रकार का धार्मिक गीत होता है जिसे लोग ईश्वर की प्रार्थना के दौरान गाते हैं। आरती गाने से लोग ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं।
इस आरती के माध्यम से लोग अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति का आश्वासन प्राप्त करते हैं। लक्ष्मी जी की आरती का उद्घाटन वैदिक काल से ही होता आया है और यह आदित्य द्वारा गायी जाती है। आरती के बोल गाने के साथ ही आप अपने मन में लक्ष्मी जी की कृपा और आशीर्वाद की कामना कर सकते हैं।
लक्ष्मी जी की आरती
लक्ष्मी जी की आरती हिंदू धर्म में एक प्रमुख पूजा विधि है जो देवी लक्ष्मी को समर्पित होती है। यह आरती भक्तों के द्वारा रोज़ाना पढ़ी जाती है और इसे ध्यान और श्रद्धा के साथ किया जाता है। इस आरती के माध्यम से भक्त देवी लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।
lakshmi ji ki aarti के लाभ
आरती का पाठ करने से धन, समृद्धि, सुख, सौभाग्य और सम्पत्ति की प्राप्ति होती है। यह आरती भक्त को आर्थिक समस्याओं से निजात दिलाती है और उन्हें आनंदमय जीवन प्रदान करती है। इसके अलावा, लक्ष्मी जी की आरती करने से भक्त की आत्मिक शक्ति में वृद्धि होती है और उन्हें मानसिक शांति मिलती है।
लक्ष्मी जी की आरती का पाठ कैसे करें
माँ लक्ष्मी जी की आरती को पढ़ने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके पास एक पूजा स्थान हो जहां आप आरती का पाठ कर सकें। आरती के लिए आपको लक्ष्मी जी की मूर्ति, दीपक, धूप, सुपारी, अखंड दिया, कलश, पुष्प, और प्रसाद की आवश्यकता होगी।
आरती का पाठ शुरू करने से पहले अपने हाथों को धो लें और शुद्ध मन से आरती के लिए तैयार हो जाएं। फिर आप लक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने बैठें और धूप, दीपक और सुपारी को उसके सामने रखें।
आरती का पाठ शुरू करने के लिए दीपक को जलाएं और अखंड दिया को जलाएं। फिर आरती की ठाली को घुमाएं और आरती गाने का पाठ करें। आरती के पाठ के बाद आप पुष्प और प्रसाद को देवी को समर्पित करें।
आप आरती के बाद आप विशेष रूप से लक्ष्मी जी की कृपा के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। आप अपने मन में लक्ष्मी माता से मांग सकते हैं कि वे आपकी आर्थिक समस्याओं को दूर करें और आपको सुख और समृद्धि प्रदान करें।
लक्ष्मी जी की आरती के बोल
जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
जय लक्ष्मी माता…
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
जय लक्ष्मी माता…
दुर्गा रोपण निमज्जन, सेवत नारद याता।
जो जन तुमको ध्यावत, रिद्धि-सिद्धि सदा दाता॥
जय लक्ष्मी माता…
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥
जय लक्ष्मी माता…
जिस घर तुम रहती, सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
जय लक्ष्मी माता…
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
जय लक्ष्मी माता…
शुभ गुण मंगल दात्री, जग निधि कर्मणि।
सत्य, सुन्दर, सर्व स्वरूपे, श्री महालक्ष्मि नमोस्तुते॥
जय लक्ष्मी माता…