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Introduction of Computer /कंप्यूटर का परिचय!

Introduction of Computer /कंप्यूटर का परिचय!
Introduction of Computer /कंप्यूटर का परिचय!

DATA

किसी भी व्यक्ति या किसी जगह के बारे में जानकारी को डाटा कहा जाता है

Example:

  • डेटा प्रोसेसिंग एक प्रक्रिया है जिसमें डेटा को इकट्ठा (collect) किया जाता है और फिर इस डेटा को उपयोगी जानकारी में बदल दिया जाता है.
  • दुसरे शब्दों में कहें तो, “डेटा प्रोसेसिंग कच्चे डेटा को इकट्ठा करने और उसे उपयोग की जा सकने वाली जानकारी में बदलने की एक विधि (method) है।“
  • Data Processing की प्रक्रिया को डेटा साइंटिस्ट और डेटा इंजीनियर के द्वारा पूरा किया जाता है.
  • डेटा प्रोसेसिंग का मुख्य उदेश्य कच्चे डेटा को एक ऐसे डेटा में बदलना होता है जिसे मनुष्य आसानी से समझ सके। इसमें विभिन्न प्रकार के कार्य शामिल है जैसे :- डेटा को कलेक्ट करना , डेटा को फ़िल्टर करना , डेटा का विश्लेषण करना आदि।
  • डेटा प्रोसेसिंग को दो तरीकों से किया जाता है पहला Automatic और दूसरा Manual. जब डेटा प्रोसेसिंग अपने आप होती है तब इसे ऑटोमेटिक डेटा प्रोसेसिंग कहते हैं और जब प्रोसेसिंग किसी व्यक्ति के द्वारा की जाती है तब इसे मैनुअल प्रोसेसिंग कहते हैं।
  • Data Processing की प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा करना जरुरी होता है क्योंकि अगर इसमें कुछ भी गलती हुई तो इससे बिज़नस में बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.
  • डेटा प्रोसेसिंग का इस्तेमाल बिज़नस में किया जाता है, इसका इस्तेमाल करने से बिज़नस में बहुत ज्यादा फायदा होता है और कंपनी अपने कस्टमर को बेहतर तरीके से समझ सकती है.

Stages of Data Processing – डेटा प्रोसेसिंग के चरण

  1. Data Collection
  2. Data Preparation
  3. Data Input
  4. Processing
  5. Data Output
  6. Data Storage
  1. गति (Speed): कंप्यूटर बहुत तेज गति से कार्य कर सकता है। यह प्रति सेकंड लाखों और अरबों गणनाएँ कर सकता है। उदाहरण के लिए, सुपरकंप्यूटर प्रति सेकंड ट्रिलियनों गणनाएँ कर सकते हैं।
  2. शुद्धता (Accuracy): कंप्यूटर द्वारा किए गए कार्य अत्यंत शुद्ध होते हैं। त्रुटियाँ सामान्यतः मानव जनित होती हैं, जैसे गलत डेटा इनपुट करना।
  3. स्वचालन (Automation): एक बार निर्देश दिए जाने के बाद, कंप्यूटर बिना किसी मानव हस्तक्षेप के स्वचालित रूप से कार्य कर सकता है।
  4. संग्रहण क्षमता (Storage Capacity): कंप्यूटर बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत कर सकता है। इसमें प्राइमरी स्टोरेज (रैम) और सेकेंडरी स्टोरेज (हार्ड ड्राइव, एसएसडी) शामिल होते हैं।
  5. बहुकार्यण (Multitasking): कंप्यूटर एक साथ कई कार्य कर सकता है, जैसे कि एक ही समय में संगीत चलाना, दस्तावेज़ लिखना और इंटरनेट ब्राउज़िंग करना।
  6. विविधता (Versatility): कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के कार्यों को कर सकता है, चाहे वह वैज्ञानिक गणनाएँ हों, ग्राफिक्स डिज़ाइन हो, या डेटा प्रोसेसिंग हो।
  7. विश्वसनीयता (Reliability): कंप्यूटर लगातार और बिना किसी थकान के कार्य कर सकता है। इसका हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर लंबे समय तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  8. संचार (Communication): कंप्यूटर इंटरनेट के माध्यम से विश्व भर में अन्य कंप्यूटरों और उपकरणों के साथ संचार कर सकता है, जिससे डेटा और सूचना का आदान-प्रदान संभव होता है।
  9. समय की बचत (Time Saving): कंप्यूटर जटिल और समय लेने वाले कार्यों को बहुत कम समय में पूरा कर सकता है, जिससे समय की बचत होती है।
  10. स्वचालन (Consistency): कंप्यूटर एक ही कार्य को बार-बार बिना किसी बदलाव या त्रुटि के कर सकता है, जिससे निरंतरता बनी रहती है।
कुम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of Computer):
  1. स्वतंत्र सोच की कमी (Lack of Independent Thinking): कंप्यूटर स्वयं से सोच नहीं सकता। यह केवल उन्हीं निर्देशों का पालन करता है जो उसे दिए जाते हैं। इसका कोई अपना विवेक या निर्णय क्षमता नहीं होती।
  2. भावनाओं की कमी (Lack of Emotions): कंप्यूटर में भावनाएं नहीं होती। यह मनुष्यों की तरह प्रेम, नफरत, खुशी या दुख महसूस नहीं कर सकता। इसके निर्णय और क्रियाएँ पूरी तरह से तार्किक और प्रोग्राम्ड होती हैं।
  3. निर्देशों पर निर्भरता (Dependence on Instructions): कंप्यूटर को हर कार्य के लिए स्पष्ट और सही निर्देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि निर्देश गलत या अधूरे हों, तो कंप्यूटर सही ढंग से कार्य नहीं कर सकता।
  4. सृजनशीलता की कमी (Lack of Creativity): कंप्यूटर स्वयं से कुछ नया नहीं बना सकता। यह केवल पहले से मौजूद डेटा और निर्देशों के आधार पर कार्य करता है। नई और सृजनात्मक चीजें बनाने के लिए मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
  5. अनुभव और निर्णय क्षमता की कमी (Lack of Experience and Decision-Making Ability): कंप्यूटर के पास अनुभव नहीं होता और यह अनुभव के आधार पर निर्णय नहीं ले सकता। यह केवल वर्तमान स्थिति और दिए गए निर्देशों के आधार पर कार्य करता है।
  6. सीमित ज्ञान (Limited Knowledge): कंप्यूटर का ज्ञान सीमित होता है और यह केवल उन्हीं चीजों को समझ सकता है जो इसके डेटाबेस में मौजूद होती हैं। इसके बाहर की जानकारी इसे समझ में नहीं आती।
  7. डेटा सुरक्षा की चुनौतियाँ (Data Security Challenges): कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से डेटा सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होती है। साइबर हमलों और हैकिंग के खतरे हमेशा बने रहते हैं।
  8. मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता (Need for Human Intervention): कई मामलों में, कंप्यूटर को ठीक से संचालित करने के लिए मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। यह पूरी तरह से स्वायत्त (Autonomous) नहीं हो सकता।
  9. नैतिकता और संवेदनशीलता की कमी (Lack of Ethics and Sensitivity): कंप्यूटर नैतिकता और संवेदनशीलता नहीं समझ सकता। इसके द्वारा किए गए कार्य नैतिक दृष्टिकोण से सही या गलत हो सकते हैं, लेकिन यह इसका मूल्यांकन नहीं कर सकता।
  10. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की सीमाएँ (Hardware and Software Limitations): कंप्यूटर की कार्यक्षमता और प्रदर्शन उसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर निर्भर होते हैं। हार्डवेयर की विफलता या सॉफ्टवेयर में बग्स कंप्यूटर के कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।

डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing)

सूचनाओं का आदान-प्रदान (Exchange of Information)

शिक्षा (Education)

वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research)

रेलवे और वायुयान आरक्षण (Railway and Airlines Reservation)

बैंक (Bank)

चिकित्सा (Medical)

रक्षा (Defense)

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (Space Technology)

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