रामचंद्र जी का आगमन: दिवाली को भगवान रामचंद्र जी के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। जब वे 14 वर्षों के वनवास के बाद घर लौटे, तो अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया।

नरेंद्र जी की पूजा: इस दिन देवी लक्ष्मी, जो समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं, की पूजा की जाती है। माना जाता है कि दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं और घर-घर में सुख-समृद्धि लाती हैं।

नरेंद्र जी का विजय: दिवाली के दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नर्गासुर की पराजय की थी। इस दिन की खुशी में भी दीप जलाए जाते हैं।

विधि से संबंधित रिवाज: दिवाली की रात को विशेष पूजा विधि और मंत्रों से घरों को सजाया जाता है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और बुराई का नाश हो।

विधि से संबंधित रिवाज: दिवाली की रात को विशेष पूजा विधि और मंत्रों से घरों को सजाया जाता है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और बुराई का नाश हो।