पहली मोहब्बत मेरी हम जान न सके, प्यार क्या होता है हम पहचान न सके, हमने उन्हें दिल में बसा लिया इस कदर कि, जब चाहा उन्हें दिल से निकाल न सके।

गलतफहमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मोहब्बत में, जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब जाती है।

तेरी झील सी आँखों में डूब जाने का दिल चाहता है, वफ़ा पर तेरी बर्बाद हो जाने का दिल चाहता है, कोई सम्भाले हमे, बहक रहे हैं कदम, तेरे इश्क में मर जाने का दिल चाहता है।

ये न समझ कि मैं भूल गया हूँ तुझे, तेरी खुशबू मेरे सांसो में आज भी है, मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत, सच्चाई मेरी वफाओं में आज भी है।