कभी हँसा देते हो तुम,कभी रुला देती हो तुम, कभी कभी नींद से जगा देती हो तुम, लेकिन जब भी हमे दिल से याद करती हो, तो सच में हमारी जिंदगी का एक पल बड़ा देती हो तुम।
चाहत हुई किसी से तो फिर बेइन्तेहाँ हुई, चाहा तो चाहतों की हद से गुजर गए, हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे, माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये।