सीता ने स्वंयवर रचाया, राम सा पति पाने को
राधा ने कृष्ण को चाहा प्रेम की राह बताने को ।।
क्या करिश्मा है कुदरत का कौन किसके करीब होता है
विवाह उसी से होता है जहाँ जिसका नसीब होता है ।।
पति आज्ञा का पालन करना, दो बातो को सह लेना
मिले तो गर्व न करना थोड़े में ही रह लेना ।।
बरसात तो आयेगें ही पर सावन का आना कुछ और ही है
मेहमान तो आयेगें ही पर आपका आना कुछ और ही है ।।
अर्पित है अति प्रेम सहित श्रीमान निमंत्रण यह लेना ।
आनन्द भरे शुभ अवसर पर परिवार सहित दर्शन देना ।।